IAS Officer Age limit: हर साल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विसेज के एग्जाम का आयोजन
करता है। इसी परीक्षा को क्रैक करके आप IAS
या IPS
ऑफिसर बन सकेंगे। आईएएस परीक्षा को देश
की सबसे कठिन माना जाता है। यूपीएससी परीक्षा को ही आईएएस परीक्षा कहा जाता है।
परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा तय है। अगर आप अधिकतम आयु
सीमा को पार कर गए हैं तो फिर आप IAS ऑफिसर नहीं बन पाएंगे।
परीक्षा
आईएएस (IAS) यानि यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) में 3 चरण होते हैं - प्रीलिम, मेन,
और इंटरव्यू। इस परीक्षा के हर एक चरण को क्लियर करने
के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है।
सिविल सेवा परीक्षा (CSE) का पैटर्न
प्रिलिम्स परीक्षा का पहला लेवल प्रिलिम्स होता है और ये परीक्षा जून
में आयोजित होती है, जबकि दूसरा चरण, मेन एग्जाम (रिटर्न) अक्टूबर के आसपास आयोजित किया जाता है।
इन दोनों एग्जाम्स को क्लियर कर लेने के बाद कैंडिडेट्स का मार्च से मई के बीच
में इंटरव्यू होता है और तीनों के आधार पर कैंडिडेट को चुना जाता है।
क्या है एलिजिब्लिटी
कैंडिडेट्स के पास ग्रेजुएशन (Graduation) की डिग्री होना जरुरी है। फाइनल ईयर
के स्टूडेंट भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं।
आईएएस परीक्षा आयु सीमाएं
इस परीक्षा में आयोजित करने के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है। सामान्य
श्रेणी के लिए ऊपरी आयु सीमा 32 वर्ष है, OBC के लिए यह 35 वर्ष है जबकि
अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए यह 37 वर्ष है।
आयु की गणना कैसे होती है?
न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा 1 अगस्त के मुताबिक निर्धारित होती है।
जैसे अगर किसी का जन्म 6 अप्रैल, 1986 का हुआ है तो उसकी आयु 1 अगस्त,
2019 को होगी 33 साल 3 महीना और 25 दिन
यानी अगर वह व्यक्ति 2019 में पेपर देना चाहता है तो नहीं दे पाएगा। वह व्यक्ति
2018 में भी पेपर देने के योग्य नहीं था क्योंकि उसकी उम्र उस समय 32 साल 3 महीने
25 दिन हो रही थी यानी 3 महीने ज्यादा।
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कितने प्रयास है मान्य
1. कौन कैंडिडेट कितनी बार सिविल सर्विसेज (civil
Services) की परीक्षा दे सकता है, यह भी उस वर्ग से निर्धारित होता है
जिससे उसका संबंध है। आमतौर पर सामान्य वर्ग के कैंडिडेट्स को 32 साल की उम्र तक 6
चांस मिलता है। यानी सामान्य वर्ग का कैंडिडेट 32 साल की उम्र तक छह बार सिविल
सर्विसेज का एग्जाम दे सकता है।
2. OBC वर्ग के कैंडिडेट्स 35 सालों की उम्र तक 9 बार एग्जाम दे सकेंगे।
3. SC/ST वर्ग के कैंडिडेट्स को 37 साल तक जितनी बार
चाहें, पेपर दे सकेंगे। उनके लिए कोई सीमा तय नहीं है।
4. सामान्य वर्ग के दिव्यांग छात्र 42 साल की उम्र तक 9 बार एग्जाम दे
सकेंगे।
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