आधुनिक सुविधाओं से लैस यह
hostel दस मंजिला होगा। एक hostel केवल छात्राओं का होगा जिसकी क्षमता 800 से 1000 छात्राओं के
आवास की होगी, जबकि
दूसरा hostel लगभग एक हजार की क्षमता का होगा जिसमें छात्र और छात्राएं दोनों
होंगे। यह दोनो hostel विश्वविद्यालय के निकट ढाका में बनेंगे। यहां पर पहले से
राजीव गांधी महिला छात्रावास DU द्वारा बनाया जा चुका है। DU के एक वरिष्ठ
अधिकारी ने बताया कि एक हॉस्टल को जहां CPWD बनाएगा वहीं दूसरे हॉस्टल का निर्माण NBCC
करेगा।
इसी हफ्ते होगी बैठक
डीयू की फाइनांस कमेटी की बैठक
में डीयू से जुड़े निर्माण कार्य पर भी चर्चा होगी। इसमें यह तय होगा कि इन दोनों
hostel के निर्माण में कितनी लागत आएगी और इसका निर्माण कैसे होगा। डीयू इसके लिए
कई औपचारिकताएं पूरी करने में लगा है।
छात्र संख्या के हिसाब से नहीं हैं हॉस्टल
डीयू में पिछले 10 वर्षों में
जिस तरह से सीटों की संख्या में इजाफा हुआ है उस हिसाब से hostel नहीं बने हैं। OBC विस्तार के बाद EWS वर्ग के लिए सीटें बढ़ाई गई हैं
लेकिन यहां छात्रों के रहने की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। DU में 50
फीसदी से अधिक छात्र दिल्ली के बाहर और समीपवर्ती इलाकों के हैं। उनके लिए
यहां hostel की पर्याप्त सुविधा नहीं है। DU के पास स्नातक स्तर (Graduate
level) पर छात्रों के रहने के लिए पर्याप्त hostel नहीं है। अधिकांश
हॉस्टल शोध या परास्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए हैं। ऐसे में छात्र संगठन
बार बार हॉस्टल की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हैं। DU
में जिन विद्यार्थियों को हॉस्टल नहीं मिलता है वह विद्यार्थी DU के निकट मुखर्जी नगर,
जीटीबी नगर, गांधी
विहार, नेहरू
विहार सहित अन्य समीपवर्ती इलाकों में रहते हैं।
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